Bihar Board Class 9 Science Solution in Hindi MediumChapter 1 .हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 1.निम्नलिखित में से कौन-से पदार्थ हैं-कुर्सी, वायु, स्नेह, गंध, घृणा, बादाम, विचार, शीत, नींबू  पानी, इत्र की सुगंध।
उत्तर:कुर्सी, वायु, बादाम, नींबू  पानी पदार्थ हैं।

प्रश्न 2.निम्नलिखित प्रेक्षण के कारण बताएँ गर्मा-गर्म खाने की गंध कई मीटर दूर से ही आपके पास पहुँच जाती है लेकिन ठंडे खाने की महक लेने के लिए आपको उसके पास जाना पड़ता है।
उत्तर:गर्म खाने की गंध दूर तक पहुँच जाती है क्योंकि तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है या उनकी गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है। अतः गन्ध का वायु में विसरण तेज हो जाता है।

प्रश्न 3.स्वीमिंग पूल में गोताखोर पानी काट पाता है। इससे पदार्थ का कौन-सा गुण प्रेक्षित होता है ?
उत्तर:स्वीमिंग पूल में गोताखोर  पानी काट पाता है क्योंकि  पानी के कणों के बीच आकर्षण बल ठोसों की तुलना में कम होता है।

प्रश्न 4.पदार्थ के कणों की क्या विशेषताएँ होती हैं ?
उत्तर:पदार्थ के कणों की निम्नलिखित विशेषताएँ होती हैं –

  1. पदार्थ के कणों के बीच रिक्त स्थान होता है।
  2. वे निरन्तर गतिशील होते हैं, अर्थात् उनमें गतिज ऊर्जा होती है।
  3. पदार्थ के कण एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं।

प्रश्न श्रृंखला # 02 (पृष्ठ संख्या 6)

प्रश्न 1.किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं। (घनत्व = द्रव्यमान/आयतन) बढ़ते हुए घनत्व के क्रम में निम्नलिखित को व्यवस्थित करें-वायु, चिमनी का धुआँ, शहद,  जल, चॉक, रुई और लोहा।
उत्तर:वायु, चिमनी का धुआँ,  जल, शहद, रुई, चॉक, लोहा।

प्रश्न 2.(a) पदार्थ की विभिन्न अवस्थाओं के गुणों में होने वाले अन्तर को सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.(b) निम्नलिखित पर टिप्पणी लिखिए-दृढ़ता, संपीड्यता, तरलता, बर्तन में गैस का भरना, आकार, गतिज ऊर्जा एवं घनत्व।
उत्तर:

  1. दृढ़ता – ठोस दृढ़ होते हैं क्योंकि उनके कणों के बीच में रिक्त स्थान काफी कम व आकर्षण बल बहुत अधिक होता है। बाह्य बल लगाने पर भी ये अपने आकार को बनाये रखते हैं। अत्यधिक बल लगाने पर ये टूट सकते हैं, पर इनका आकार नहीं बदलता।
  2. संपीड्यता – बाह्य बल लगाने पर गैसों के आयतन में परिवर्तन होता है क्योंकि उसके कणों के बीच में अत्यधिक रिक्त स्थान व न्यून आकर्षण बल होता है। अतः उनकी संपीड्यता सबसे अधिक होती है।
  3. तरलता – द्रवों में बहाव होता है और इनका आकार बदलता है, इसीलिए ये दृढ़ नहीं लेकिन तरल होते हैं।
  4. बर्तन में गैस का भरना – संपीड्यता काफी अधिक होने के कारण गैस के अत्यधिक आयतन को एक कम आयतन वाले बर्तन में संपीडित किया जा सकता है व आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजा जा सकता है।
  5. आकार – ठोसों का आकार निश्चित होता है। बाहरी दाब का उनके आकार पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता, द्रवों का आकार बदलता रहता है। जिस बर्तन में इन्हें रखा जाये ये उसका आकार ले लेते हैं। गैसों का कोई आकार नहीं होता।
  6. गतिज ऊर्जा – पदार्थ में कणों की गति के कारण जो ऊर्जा होती है वह गतिज ऊर्जा कहलाती है। पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील रहते हैं, अर्थात् उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गति तेज हो जाती है। इसलिए तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा भी बढ़ जाती है।
  7. घनत्व – किसी तत्व के द्रव्यमान प्रति इकाई आयतन को घनत्व कहते हैं।
  8. घनत्व = द्रव्यमान/आयतन।
  9. ठोसों का घनत्व सबसे अधिक, द्रवों का ठोसों से कम व गैसों का बहुत कम होता है।

प्रश्न 3.कारण बताएँ –
(a) गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है जिसमें इसे रखते हैं।
उत्तर:गैसीय अवस्था में कणों की गति अनियमित और अत्यधिक तीव्र होती है एवं कणों के बीच रिक्त स्थान भी अधिक होता है। अत: गैस पूरी तरह उस बर्तन को भर देती है, जिसमें इसे रखते हैं।

(b) गैस बर्तन की दीवारों पर दबाव डालती है।
उत्तर:गैस के कणों की गति अत्यधिक तीव्र एवं अनियमित होती है। इस अनियमित गति के कारण ये कण आपस में एवं बर्तन की दीवारों से टकराते हैं। बर्तन की दीवार पर गैस कणों द्वारा प्रति इकाई क्षेत्र पर लगे बल के कारण गैस का दबाव बनता है।

(c) लकड़ी की मेज ठोस कहलाती है।
उत्तर:लकड़ी की मेज का एक निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ तथा स्थिर आयतन या नगण्य संपीड्यता होती है। बाह्य बल लगाने पर भी यह अपने आकार को बनाये रखती है। इसमें दृढ़ता होती है अतः यह ठोस कहलाती है।

(d) हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं, लेकिन एक ठोस लकड़ी के टुकड़े में हाथ चलाने के लिए हमें कराटे में दक्ष होना पड़ेगा।
उत्तर:हवा में हम आसानी से अपना हाथ चला सकते हैं क्योंकि हवा गैसीय अवस्था में होती है। अतः उसके कणों के बीच अत्यधिक रिक्त स्थान एवं नगण्य आकर्षण बल होता है। जबकि ठोस लकड़ी दृढ़ होती है। उसके कणों के बीच बहुत कम रिक्त स्थान होता है एवं उनके बीच का आकर्षण बल बहुत अधिक होता है जिस कारण उसको तोड़ने में बहुत अधिक बल की आवश्यकता होती है।

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प्रश्न 4.सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है। लेकिन आपने बर्फ के टुकड़े को  जल में तैरते हुए देखा होगा। पता लगाइए, ऐसा क्यों होता है ?
उत्तर:सामान्यतया ठोस पदार्थों की अपेक्षा द्रवों का घनत्व कम होता है लेकिन  जल जब ठंडा होकर बर्फ बनाता है तो उसके कणों के मध्य रिक्त स्थान में वृद्धि होती है जिसके परिणामस्वरूप उसके आयतन में भी वृद्धि हो जाती है। अत: बर्फ का घनत्व जल के घनत्व से कम हो जाता है फलस्वरूप बर्फ का टुकड़ा जल पर तैरता है।

प्रश्न श्रृंखला # 03 (पृष्ठ संख्या 9)

प्रश्न 1.निम्नलिखित तापमान को सेल्सियस में बदलें –
(a) 300 K
(b) 573 K
हल : (a) 300 K
0°C = 273 K
300 K = 300 – 273
उत्तर:= 27°C

(b) 573 K                                           
573 K = 573 – 273= 300°C

प्रश्न 2.निम्नलिखित तापमान पर  जल की भौतिक अवस्था क्या होगी?
(a) 250°C
(b) 100°C.
उत्तर:(a) 250°C पर  जल वाष्प अवस्था में होगा।
(b) 100°C पर जल द्रव से वाष्प अवस्था में बदलता है। 100°C जल का क्वथनांक होता है। इस ताप पर जल वाष्प व द्रव दोनों अवस्था में होगा।

प्रश्न 3.किसी भी पदार्थ की अवस्था परिवर्तन के दौरान तापमान स्थिर क्यों रहता है ?
उत्तर:अवस्था परिवर्तन के दौरान पदार्थ का तापमान स्थिर रहता है क्योंकि पदार्थ अवस्था परिवर्तन के दौरान ऊष्मा को अवशोषित करता है व कणों के पारस्परिक आकर्षण बल को वशीभूत करके पदार्थ की अवस्था को बदलने में इस ऊष्मा का उपयोग होता है। इस ऊष्मा को गुप्त ऊष्मा कहते हैं। तापमान में बिना किसी तरह की वृद्धि दर्शाये इस ऊष्मीय ऊर्जा को पदार्थ अवशोषित कर लेता है।

प्रश्न 4.वायुमण्डलीय गैसों का द्रव में परिवर्तन करने के लिए कोई विधि सुझाइए।
उत्तर:वायुमण्डलीय गैसों को दाब बढ़ाकर या संपीडित करके व तापमान घटाकर द्रव में परिवर्तित किया जा सकता है।

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प्रश्न श्रृंखला # 04 (पृष्ठ संख्या 11)

प्रश्न 1.गर्म एवं शुष्क दिन में कूलर अधिक ठंडा क्यों करता है ?
उत्तर:गर्म एवं शुष्क दिन में तापमान की अधिकता व आर्द्रता 1 में कमी के कारण वाष्पीकरण की दर तेज होती है। वाष्पीकरण की दर अधिक होने के कारण कूलर अधिक ठंडा करता है।

प्रश्न 2.गर्मियों में घड़े का  जल ठंडा क्यों होता है ?
उत्तर:गर्मियों में तापमान अधिक होता है अतः घड़े की बाहरी सतह से  जल के वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है। वाष्पीकरण के दौरान घड़े की सतह के कण घड़े के अन्दर के जल से या आसपास से ऊर्जा प्राप्त करके वाष्प में बदल जाते हैं। वाष्पीकरण की प्रसुप्त ऊष्मा के बराबर ऊष्मीय ऊर्जा घड़े के जल से अवशोषित हो जाती है, जिससे जल शीतल हो जाता है।

प्रश्न 3.ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र डालने पर हमारी हथेली ठंडी क्यों हो जाती है ?
उत्तर:जब ऐसीटोन/पेट्रोल या इत्र को हम हथेली पर गिराते हैं तो इसके कण हमारी हथेली या उसके आस-पास से ऊर्जा प्राप्त कर लेते हैं और वाष्पीकृत हो जाते हैं जिससे हथेली पर शीतलता महसूस होती है।

प्रश्न 4.कप की अपेक्षा प्लेट से हम गर्म दूध या चाय जल्दी क्यों पी लेते हैं ?
उत्तर:वाष्पीकरण एक सतही प्रक्रिया है। सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है। अतः प्लेट में गर्म दूध या चाय डालने पर वह जल्दी ठण्डी हो जाती है, क्योंकि उसकी वाष्पीकरण की दर बढ़ जाती है, और हम उसे जल्दी पी लेते हैं।

प्रश्न 5.गर्मियों में हमें किस तरह के कपड़े पहनने चाहिए?
उत्तर:गर्मियों में हमें सूती कपड़े पहनने चाहिए क्योंकि गर्मियों में हमें अधिक पसीना आता है। चूंकि सूती कपड़ों में  जल का.अवशोषण अधिक होता है, अतः हमारा पसीना इसमें अवशोषित होकर वायुमण्डल में आसानी से वाष्पीकृत हो जाता है और हमें शीतलता मिलती है।

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क्रियाकलाप 1.1 (पृष्ठ संख्या 1)

प्रश्न 1.आपके अनुसार नमक या शर्करा का क्या हुआ ?
उत्तर:नमक या शर्करा  जल ( पानी) में घुल गई।

प्रश्न 2.ये कहाँ गायब हुए ?
उत्तर:नमक या शर्करा को जल में घोलने पर इनके कण जल के कणों के बीच के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं।

प्रश्न 3.क्या जल के स्तर में कोई बदलाव आया ?
उत्तर:नहीं, जल के स्तर में कोई बदलाव नहीं आया।

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क्रियाकलाप 1.2 (पृष्ठ संख्या 2)

प्रश्न 1.क्या  जल अब भी रंगीन है ?
उत्तर:प्रत्येक बार तनुकृत करने पर घोल का रंग हल्का होता जाता है, फिर भी  पानी रंगीन नजर आता है।

क्रियाकलाप 1.3 (पृष्ठ संख्या 2)प्रश्न 1.अपनी कक्षा के किसी कोने में एक बुझी हुई अगरबत्ती रख दें। इसकी सुगन्ध लेने के लिए आपको इसके कितने समीप जाना पड़ता है ?
उत्तर:-बुझी हुई अगरबत्ती की सुगन्ध लेने के लिए हमें इसके एकदम समीप जाना पड़ता है।

प्रश्न 2.
अगर अगरबत्ती जला दें। क्या होता है ? क्या दूर से इसकी सुगन्ध आपको मिलती है ?
उत्तर:
अगरबत्ती जलाने पर इसका धुआँ फैलने लगता है या वायु में विसरित हो जाता है व दूर से इसकी सुगन्ध हमें मिलने लगती है।

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क्रियाकलाप 1.4 (पृष्ठ संख्या 2)

प्रश्न 1.स्याही की बूंद डालने के तुरन्त बाद आपने क्या देखा?
उत्तर:स्याही की बूँद डालने के तुरन्त बाद  जल का रंग नीला होने लगा।

प्रश्न 2.शहद की बूंद डालने के तुरन्त बाद आपने क्या देखा?
उत्तर:शहद की बूंद डालने के बाद  जल का रंग धीरे-धीरे पीला होने लगा।

क्रियाकलाप 1.5 (पृष्ठ संख्या 3)

प्रश्न 1.गिलास में ठोस क्रिस्टल के ठीक ऊपर क्या दिखाई देता है ?
उत्तर:गिलास में ठोस क्रिस्टल के ठीक ऊपर क्रिस्टल के रंगीन कण जल में गति करते हुए दिखाई देते हैं।

प्रश्न 2.समय बीतने पर क्या होता है ?
उत्तर:समय बीतने पर कॉपर सल्फेट या पोटैशियम परमैंगनेट के कण समान रूप से  पानी में वितरित हो जाते हैं।

प्रश्न 3.इससे ठोस और द्रव के कणों के बारे में क्या पता चलता है ?
उत्तर:इससे पता चलता है कि ठोस के कण द्रव के कणों के रिक्त स्थानों में समावेशित हो जाते हैं व पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं।

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प्रश्न 4.क्या तापमान के साथ मिश्रित होने की दर बदलती है ? क्यों और कैसे ?
उत्तर:तापमान बढ़ने पर मिश्रित होने की दर तेज हो जाती है क्योंकि तापमान बढ़ने से पदार्थ के कणों की गति तेज हो जाती है। पदार्थ के कण निरन्तर गतिशील होते हैं या उनमें गतिज ऊर्जा होती है। तापमान बढ़ने से कणों की गतिज ऊर्जा बढ़ जाती है व उनका विसरण या मिश्रित होना तेज हो जाता है।

क्रियाकलाप 1.6 (पृष्ठ संख्या 3)

प्रश्न 1.किस समूह को तोड़ना आसान था ? और क्यों ?
उत्तर:तीसरे समूह को जोड़ना आसान था क्योंकि उसमें मानव श्रृंखला के मानवों ने एक-दूसरे को केवल उँगली के सिरे से छूकर श्रृंखला बनाई थी। अतः उनके बीच न्यून बल था।

प्रश्न 2.यदि हम प्रत्येक विद्यार्थी को पदार्थ का एक कण मानें तो किस समूह में कणों ने एक-दूसरे को अधिक बल से पकड़ रखा था ?
उत्तर:पहले समूह ने।

क्रियाकलाप 1.7 (पृष्ठ संख्या 3)

प्रश्न 1.लोहे की कील, चॉक व रबर बैंड में से किसके कण अधिक बल से एक-दूसरे से जुड़े हैं ?
उत्तर:लोहे की कील के।

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क्रियाकलाप 1.8 (पृष्ठ संख्या 4)

प्रश्न 1.जल का नल खोलकर जल की धार को अपनी उँगली से काटने का प्रयास करें। क्या जल की धार कटती हैं
उत्तर:नहीं, जल की धार नहीं कटती।

प्रश्न 2.जल की धार न कटने का क्या कारण है ?
उत्तर:जल के कणों के बीच आकर्षण बल कार्य करता है जिस कारण जल की धार के कण अलग नहीं होते व धार नहीं कटती।

क्रियाकलाप 1.9 (पृष्ठ संख्या 4)

प्रश्न 1.क्या पेन, किताब, सुई और लकड़ी की छड़ का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ तथा स्थिर आयतन है ?
उत्तर:हाँ, इन सभी का निश्चित आकार, स्पष्ट सीमाएँ । तथा स्थिर आयतन है।

प्रश्न 2.इन पर हथौड़ा मारने, खींचने या गिराने से क्या होता है ?
उत्तर:बाह्य बल लगाने पर ये सभी ठोस अपने आकार को बनाये रखते हैं। बल लगाने पर ये टूट सकते हैं लेकिन इनका आकार नहीं बदलता।

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प्रश्न 3.क्या इनका एक-दूसरे में विसरण सम्भव है ?
उत्तरनहीं, इनका एक-दूसरे में विसरण सम्भव नहीं है, क्योंकि इनके कणों के बीच रिक्त स्थान बहुत न्यून होता है।

प्रश्न 4.बल लगाकर इनको सम्पीडित करने का प्रयास करें। क्या इनका संपीडन होता है ?
उत्तर:इनका संपीडन नहीं होता। ये दृढ़ होते हैं।

क्रियाकलाप 1.10 (पृष्ठ संख्या 5)

प्रश्न 1. जल, खाना पकाने का तेल, दूध, जूस, शीतल पेय को फर्श पर डाल देने पर क्या होगा ?
उत्तर:इन द्रवों को फर्श पर डाल देने पर ये बहने लगते हैं।

प्रश्न 2.किसी एक द्रव का 50 ml मापकर विभिन्न बर्तनों में क्रमशः एक-एक करके डालें। क्या प्रत्येक बार आयतन एकसमान रहता है ?
उत्तर:हाँ, प्रत्येकं बार आयतन एकसमान रहता है।

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प्रश्न 3.क्या द्रव का आकार एकसमान रहता है ?
उत्तर:नहीं, जिस बर्तन में इसे रखा जाए यह उसी का आकार ले लेता है।

प्रश्न 4.द्रव को एक बर्तन से दूसरे बर्तन में उड़लने पर क्या यह आसानी से बहता है ? ..
उत्तर:हाँ, यह तरल होने के कारण आसानी से बहता है।

क्रियाकलाप 1.11 (पृष्ठ संख्या 5)

प्रश्न 1.आपने क्या देखा ? किस स्थिति में पिस्टन आसानी से अन्दर चला गया ?
उत्तर:हमने देखा कि हवा भरी सिरिंज का पिस्टन बहुत आसानी से अन्दर चला गया व  जल व चॉक भरी सिरिंज के पिस्टन को दबाना मुश्किल था।

प्रश्न 2.अपने प्रेक्षण से आपने क्या अनुमान लगाया ?
उत्तर:अपने प्रेक्षण से हमने यह अनुमान लगाया कि ठोसों एवं द्रवों की तुलना में गैसों की संपीड्यता काफी अधिक होती है।

क्रियाकलाप 1.12 (पृष्ठ संख्या 8)

प्रश्न 1.उपर्युक्त क्रियाकलाप से आप क्या निष्कर्ष निकालते हैं ?
उत्तर:उपर्युक्त क्रियाकलाप में अमोनियम क्लोराइड या कपूर द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस और वापस ठोस में बदल जाता है। अतः इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि कपूर ऊर्ध्वपातित होता है।

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क्रियाकलाप 1.14 (पृष्ठ संख्या 10)

प्रश्न 1.वाष्पीकरण के निम्नलिखित तथ्यों के बारे में आप क्या अनुमान लगा सकते हैं ? तापमान का प्रभाव, सतह का क्षेत्र और वायु की चाल।
उत्तर:तापमान का प्रभाव – तापमान में वृद्धि से  जल के अधिक कणों में पर्याप्त गतिज ऊर्जा मिलती है, जिससे वे वाष्पीकृत हो जाते हैं।
सतह का क्षेत्र – सतही क्षेत्र बढ़ने पर वाष्पीकरण की दर भी बढ़ जाती है।
वायु की चाल – वायु के तेज होने से जलवाष्प के कण वायु के साथ उड़ जाते हैं जिससे आसपास के जलवाष्प की मात्रा घट जाती है। अतः वाष्पीकरण की दर तेज हो जाती है।

Bihar Board Class 9  Science हमारे आस-पास के पदार्थ Textbook Questions and Answers

प्रश्न 1.निम्नलिखित तापमानों को सेल्सियस इकाई में परिवर्तित करें
(a) 300 K
(b) 573 K
हल : (a) 300 K
0°C = 273 K
300 K = 300 – 273
उत्तर:
= 27°C

(b) 573 K
273 K = 0°C
573 K = 573 – 273
उत्तर:
= 300°C

Bihar Board Class 9 Science Solutions Chapter 1 हमारे आस-पास के पदार्थ

प्रश्न 2.
निम्नलिखित तापमानों को केल्विन इकाई में परिवर्तित करें
(a) 25°C
(b) 373°C.
हल : (a) 25°C
0°C = 273 K
अतः 25°C = 25 + 273
उत्तर:
= 298K

(b)373°C
0°C = 273 K
अतः 373°C = 373 + 273
उत्तर:
= 646 K

प्रश्न 3.
निम्नलिखित अवलोकनों हेतु कारण लिखें –
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह समय के साथ कुछ भी ठोस पदार्थ छोड़े बिना अदृश्य हो जाती है।
(b) हमें इत्र की गंध बहुत दूर बैठे हुए भी पहुँच जाती है।
उत्तर:
(a) नैफ्थलीन को रखा रहने देने पर यह ऊर्ध्वपातित हो जाती है, अर्थात् यह द्रव अवस्था में परिवर्तित हुए बिना ठोस अवस्था से सीधे गैस में परिवर्तित हो जाती है।
(b) इत्र के कण वायु में मिल जाते हैं और विसरित होकर हम तक पहुँचते हैं। इत्र के कणों की तेज गति और अत्यधिक रिक्त स्थानों के कारण उनका वायु में विसरण बहुत तीव्रता से होता है।

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प्रश्न 4.निम्नलिखित पदार्थों को उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण के अनुसार व्यवस्थित करें
(a)  जल
(b) चीनी
(c) ऑक्सीजन।
उत्तर:पदार्थों का उनके कणों के बीच बढ़ते हुए आकर्षण का क्रम –
ऑक्सीजन <  जल < चीनी

प्रश्न 5.निम्नलिखित तापमानों पर जल की भौतिक अवस्था क्या है –
(a) 25°C
(b) 0°C
(c) 100°C
उत्तर:
(a) 25°C पर द्रव अवस्था।
(b) 0°C पर द्रव व ठोस दोनों अवस्थाएँ सम्भव हैं।
(c) 100°C पर द्रव व गैस दोनों अवस्थाएँ सम्भव हैं।

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प्रश्न 6.पुष्टि हेतु कारण दें –
(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है।
उत्तर:(a) जल कमरे के ताप पर द्रव है क्योंकि इसका एक निश्चित आयतन है व इसमें बहाव है।
(b) लोहे की अलमारी कमरे के ताप पर ठोस है क्योंकि इसका एक निश्चित आकार व आयतन है। इसमें  जल की भाँति बहाव नहीं है।

प्रश्न 7.273K पर बर्फ को ठंडा करने पर तथा  जल को इसी तापमान पर ठंडा करने पर शीतलता का प्रभाव अधिक क्यों होता है?
उत्तर:273 K या 0°C पर ठंडा करने पर बर्फ, जल की तुलना में ज्यादा शीतलता प्रदान करती है, क्योंकि वह जल में परिवर्तित होने के लिए संगलन की प्रसुप्त ऊष्मा जितनी ऊष्मा अवशोषित करती है। जबकि 273 K पर जल की अवस्था में परिवर्तन नहीं होता। अतः यह बर्फ की तुलना में कम ऊर्जा अवशोषित करता है।

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प्रश्न 8.उबलते हुए जल अथवा भाप में से  जलने की तीव्रता किसमें अधिक महसूस होती है ?
उत्तर:भाप से उबलते हुए  जल की तुलना में  जलने की तीव्रता अधिक महसूस होती है क्योंकि भाप के कणों में उसी तापमान पर  पानी के कणों की अपेक्षा अधिक ऊर्जा होती है। ऐसा इसलिए है, क्योंकि भाप के कणों ने वाष्पीकरण की गुप्त ऊष्मा के रूप में अतिरिक्त ऊष्मा अवशोषित कर ली है।

प्रश्न 9.निम्नलिखित चित्र के लिए A,B,C,D, E तथा F की अवस्था परिवर्तन को नामांकित करें –


उत्तर:A – संगलनB – वाष्पीकरणC – संघननD – जमनाE – ऊर्ध्वपातनF – ऊर्ध्वपातन।

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